आधार कार्ड आजकल देश के सभी नागरिकों के लिए एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, जिसका उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं, बैंकिंग, गैस कनेक्शन, स्कूल एडमिशन और अन्य सेवाओं में किया जाता है। आधार कार्ड न केवल एक पहचान पत्र के रूप में काम करता है, बल्कि यह देश के नागरिकों की एकता और सुरक्षा का प्रतीक भी है।
विशेष रूप से, बच्चों के आधार कार्ड उनकी छोटी उम्र में बनाए जाते हैं, लेकिन समय-समय पर इन्हें अपडेट करना आवश्यक है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के नियमों के अनुसार, 5 साल और 15 साल की उम्र में बच्चों का बायोमेट्रिक विवरण अपडेट करना अनिवार्य है। इस प्रक्रिया में बच्चों की फोटो, उंगलियों के निशान और आईरिस को दोबारा रिकॉर्ड किया जाता है, जिसे मैंडेटरी बायोमेट्रिक अपडेट कहा जाता है।
आधार कार्ड से जुड़ी एक महत्वपूर्ण जानकारी यह है कि बच्चों के बायोमैट्रिक डाटा को समय-समय पर अपडेट करना आवश्यक है। यह अपडेट 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष की आयु के बीच किया जाता है, जो कि पूरी तरह से निशुल्क है। बच्चों की बढ़ती उम्र के साथ उनके बायोमैट्रिक डाटा में बदलाव आ सकता है, जिसके लिए आधार कार्ड को अपडेट करना जरूरी है। यह अपडेट न केवल आधार कार्ड को अद्यतन रखता है, बल्कि यह कई सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ उठाने में भी मदद करता है।
इसके अलावा, प्रतियोगी परीक्षाओं और उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए आधार कार्ड एक आवश्यक दस्तावेज है। बायोमैट्रिक अपडेट न होने के कारण इसमें आवेदन संबंधी दिक्कतें सामने आ सकती हैं। इसलिए, समय-समय पर आधार कार्ड को अपडेट करना आवश्यक है। यदि किसी बच्चे का बायोमेट्रिक डाटा अपडेट करना है, तो वे अपने नजदीकी आधार सेवा केंद्र या नामांकन केंद्र पर जाकर इस प्रक्रिया को समय से पहले पूरा करवा सकते हैं, जो कि पूरी तरह से निशुल्क है।







