देहरादून: देहरादून जिले के राइंका (राजकीय इंटर कॉलेज) मेदनीपुर, बद्रीपुर में 12वीं कक्षा का रिजल्ट चौंकाने वाला रहा। इस साल कक्षा 12 के सभी 22 छात्र परीक्षा में असफल रहे, जबकि इसी विद्यालय की कक्षा 10 में 94 प्रतिशत छात्र सफल हुए हैं। एक ही स्कूल के दो परिणामों में इतना बड़ा अंतर कई सवाल खड़े कर रहा है।
विद्यालय प्रशासन ने इसके पीछे विषयों की उपलब्धता को मुख्य कारण बताया है। स्कूल में केवल विज्ञान संकाय (पीसीएम) की पढ़ाई होती है, जबकि अधिकांश छात्र कला वर्ग के इच्छुक थे। चूंकि पास में कोई अन्य विकल्प नहीं था और आर्थिक तंगी के चलते छात्र अन्य स्कूलों में दाखिला नहीं ले सके, इसलिए उन्हें मजबूरी में विज्ञान विषयों का चयन करना पड़ा।
स्कूल प्रशासन का कहना है कि 2016 से ही कला विषय शुरू करने की मांग की जा रही है, लेकिन अब तक विभाग की ओर से स्वीकृति नहीं मिली। प्रशासन ने यह भी बताया कि 10वीं कक्षा के बाद लगभग 100 छात्र अन्य स्कूलों में कला और वाणिज्य विषयों के लिए ट्रांसफर हो चुके हैं।
मुख्य शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार ढौंडियाल ने बताया, “जिन स्कूलों में परिणाम असंतोषजनक रहे हैं, उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। राइंका मेदनीपुर में केवल विज्ञान विषय उपलब्ध है, जिसके चलते कमजोर छात्रों को भी वही पढ़ना पड़ रहा है। हम जल्द ही वहां कला विषय शुरू करने का प्रस्ताव भेजेंगे। इस घटना ने न सिर्फ स्कूल के प्रबंधन की चुनौतियों को उजागर किया है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में विषय विकल्पों की कमी को भी सामने लाया है, जिससे छात्रों का शैक्षणिक भविष्य प्रभावित हो रहा है।







