रुद्रप्रयाग जिला ने एक अहम कदम उठाते हुए देश का पहला ऐसा जनपद बनने का गौरव हासिल किया है, जिसने अपना खुद का वायरलेस नेटवर्क सिस्टम स्थापित किया है। इस नई व्यवस्था के माध्यम से जिले के 250 किमी के इलाके को वायरलेस नेटवर्क से जोड़ा गया है, जो कठिन परिस्थितियों में भी संवाद बनाए रखने में सहायक साबित होगा। इसके साथ ही, जिले के 36 दूरस्थ विद्यालयों में ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवान के नेतृत्व में रुद्रप्रयाग जनपद ने अपना इंट्रानेट नेटवर्क स्थापित किया है, जिसे डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर रिसोर्स नेटवर्क (DDRN) नाम दिया गया है। यह नेटवर्क जिले के 250 किमी क्षेत्र को कवर करता है, जिससे किसी भी अप्रिय घटना या सूचना की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। इस नेटवर्क का विशेष लाभ आगामी केदारनाथ यात्रा के दौरान भी प्राप्त होगा, जिससे यात्रा के दौरान सुरक्षा और त्वरित सूचना प्रसार में मदद मिलेगी।
रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, सोनप्रयाग और सीतापुर को जोड़ते हुए नया वायरलेस नेटवर्क स्थापित किया गया है। यह नेटवर्क जिला प्लान और खनन न्यास निधि से वित्तपोषित है, और इसका नियंत्रण आपदा कंट्रोल रूम से किया जा रहा है। इसके तहत 250 किमी क्षेत्र को कवर किया गया है, साथ ही केदारघाटी के 10 हेलिपैड भी नेटवर्क से जुड़े हैं।
यह भी पढ़ें:श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर और द्वितीय तल के कुछ नवीनतम चित्र…
इस इंट्रानेट सिस्टम का मुख्य उद्देश्य केदारनाथ यात्रा के दौरान यात्रा व्यवस्थाओं और आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाना है। जिलाधिकारी डॉ. सौरभ गहरवान के मुताबिक, यह नेटवर्क सूचना आदान-प्रदान और सुरक्षा के लिए सॉफ्टवेयर आधारित है, और आपदा के दौरान भी यह बिना किसी रुकावट के कार्य करेगा। साथ ही, 36 दूरस्थ स्कूलों को भी इस नेटवर्क से जोड़ा गया है।







