उत्तराखंड के सीमांत जिले पिथौरागढ़ में एक अनोखी और दिल को छू लेने वाली प्रेम कहानी ने शादी का रूप ले लिया है। फ्रांस से आई अनियास लुईस ने स्थानीय युवक गंगा सिंह राणा के साथ पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों के साथ विवाह बंधन में बंधकर सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है। इस विवाह ने राज्यभर में खासा चर्चा बटोरी है।
मुनस्यारी की धरती पर पनपा प्रेम
अनियास लुईस वर्ष 2019 से मुनस्यारी क्षेत्र में आती थी । एक बार वह जिस होटल में ठहरी थीं, वहीं उनकी मुलाकात गंगा सिंह राणा से हुई, जो उस समय होटल में कार्यरत थे। धीरे-धीरे दोनों के बीच मित्रता गहराती चली गई और यही रिश्ता समय के साथ प्रेम में बदल गया। दोनों की यह खूबसूरत यात्रा अंततः विवाह तक जा पहुँची।
कुमाऊनी परंपराओं के साथ हुई शादी
सोमवार को सरमोली क्षेत्र के एक वेडिंग हॉल में आयोजित इस विवाह समारोह में अनियास और गंगा ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। समारोह की खास बात यह रही कि विदेशी दुल्हन ने पारंपरिक कुमाऊनी पोशाक – घाघरा, पिछौड़ा और नथ पहन कर सभी को आकर्षित कर लिया। उनका भारतीय संस्कृति में घुल-मिल जाना वहां उपस्थित सैकड़ों लोगों के लिए एक खास अनुभव था।
विदेशी मेहमानों की रही मौजूदगी
अनियास के परिवारजन भी विवाह में शामिल होने के लिए उत्तराखंड पहुंचे थे। वे पूरी तरह से भारतीय संस्कृति में रच-बस गए और समारोह का आनंद लोक गीतों, पारंपरिक वाद्य यंत्रों और स्थानीय व्यंजनों के साथ उठाया।
गंगा सिंह की प्रोफेशनल पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि गंगा सिंह राणा न सिर्फ एक होम स्टे संचालक हैं, बल्कि एक अनुभवी टूर गाइड और वाइल्डलाइफ वॉचिंग एक्सपर्ट भी हैं। उनकी मिलनसारिता और संस्कृति के प्रति प्रेम ने अनियास को गहराई से प्रभावित किया। यह विवाह समारोह केवल दो दिलों का मिलन नहीं, बल्कि दो संस्कृतियों के अद्भुत संगम का प्रतीक बन गया है, जिसने समूचे उत्तराखंड में एक सकारात्मक और प्रेरणादायक संदेश फैलाया है।







