तिरंगे में लिपटा हुआ शव एक ताबूत में रखा था। हर ओर शोक और विलाप का माहौल था। इसी बीच, शव से लिपटी एक युवती बार-बार रुदन करते हुए कह रही थी, ‘बेबी तू नहीं आया लेने, तूने कहा था, तू आएगा, बेबी तू नहीं आया लेने…’। यह शब्द दिल को छलनी कर रहे थे, और जिन्हें भी यह सुना, उनकी आँखों से आंसू नहीं रुक पाए। यह थीं सानिया। सानिया, जिनकी सगाई 23 मार्च को सिद्धार्थ यादव के साथ हुई थी। सिद्धार्थ गुजरात में जगुआर लड़ाकू विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो पूरा गांव उन्हें आखिरी विदाई देने उमड़ पड़ा। सानिया की चीखें हर किसी को भीतर तक हिला गईं।
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गुजरात के जामनगर में बुधवार रात एक फाइटर जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें रेवाड़ी के बहादुर फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिद्धार्थ यादव शहीद हो गए। शुक्रवार को उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम यात्रा में उनकी मंगेतर भी मौजूद थीं। सिद्धार्थ की मंगेतर रोते हुए कह रही थीं, “एक बार तो चेहरा दिखा दो।” पार्थिव शरीर को देखकर वह बोलीं, “बेबी, तू मुझे लेने नहीं आया, तूने कहा था तू आएगा।”
परिवार के सदस्य कहते हैं कि सिद्धार्थ हर बार छुट्टी पर घर आते वक्त सानिया को खुद लेने जाते थे, ऐसे में उसकी यह बात, “तू मुझे लेने नहीं आया…” ने सबको हिला कर रख दिया। सिद्धार्थ यादव एक प्रतिबद्ध और साहसी अफसर थे, जिनका सपना था देश की सेवा करना, और उन्होंने अपनी शहादत से उस सपने को साकार कर दिया। अब पूरे गांव और सोशल मीडिया पर एक ही शब्द गूंज रहे हैं, “सिद्धार्थ, तुझ पर गर्व है, देश तुझ पर गर्व करता है।”







