दिव्यांग लोगो को सशक्त बनाने की प्रकाश मेहरा की नई पहल
दिव्यांगता के क्षेत्र में जितना भी काम किया जाए वह कम है। आज एकजुट होकर मानवता के लिए काम करने की बहुत जरूरत है। दिव्यांगों की सेवा वास्तव में नारायण सेवा के समान है। यह कहना है 15 वर्षो से दिव्यांगों के लिए कार्य करने वाले तेग बहादुर रोड निवासी अनंत प्रकाश मेहरा का।
प्रकाश मेहरा चंडीगढ़ में असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरी करते थे। एक बार एक दिव्यांग की असहाय हालत को देखकर वह द्रवित हो गए। तभी उन्होंने निश्चय कर लिया कि वह ऐसे लोगों के लिए काम करेंगे। उनका कहना है कि अधिकतर दिव्यांग महिलाओं को तमाम मुसीबतों का सामना करना पड़ता। यह देखते हुए प्रकाश मुनिशाभा सेवा सदन व दून डिफ्रेंटली एबल ट्रस्ट की स्थापना कर 2014 से दिव्यांग एवं जरूरतमंद महिलाओं के लिए कार्य करना शुरू किया।
Prakash Mehra
वैसे तो महिलाओ की परस्थिति इस देश में थोड़ा खराब ही है | कई मुसीबतो का सामना आये दिन महिलाओ को करना पड़ता है और जब बात दिव्यांगता की आती है तो महिलाओ की स्थिति सोचनीय हो जाती है |
वह दिव्यांगों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। हर्बटपुर स्थित संस्थान में दिव्यांग महिलाओं की चिकित्सा, पुनर्वास, शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाने का प्रयास किया जाता है।
Prakash Mehra
वह दिव्यांगों व महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कार्य कर रहे हैं। हर्बटपुर स्थित संस्थान में दिव्यांग महिलाओं की चिकित्सा, पुनर्वास, शिक्षा व व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर सक्षम बनाने का प्रयास किया जाता है। संस्थान के जरिये दृष्टि बाधित लड़कियों की फुटबॉल टीम, क्रिकेट टीम एवं अन्य टीमों का गठन कर खेल को प्रोत्साहन देने के लिए कर रहे हैं। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए प्रेरित करते हैं।
ऑल टूगेदर प्रोजेक्ट में उत्तराखंड डेफ वेलफेयर एसोसिएशन, उत्तराखंड ब्लाइंड स्पोर्ट्स एसोसिएशन, उत्तराखंड दिव्यांग सशक्तीकरण एसोसिएशन, अनमोल फाउंडेशन, डीडी डिग्री कॉलेज साथ काम कर रहे हैं। उनका उद्देश्य दिव्यांग हित में उत्तराखंड में एक पुनर्वास विश्वविद्यालय का स्थापना करना है ताकि देशभर के दिव्यांगों को सक्षम बनाया जा सके और वे मुख्य धारा में शामिल हो सकें।
Prakash Mehra
अनंत मेहरा के कार्यों को देखते हुए सरकार ने उन्हें राज्य दिव्यांग सलाहकार बोर्ड का सदस्य बनाया साथ ही दिव्यांग जागरूक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अक्टूबर 2018 में दिव्यांग महत्वाकांक्षी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा उनको कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय संस्थाएं सम्मानित कर चुकी हैं। गत फरवरी में अंतरराष्ट्रीय संस्था निफा ने उनको एक्सीलेंस अवार्ड व इससे पहले अंतरराष्ट्रीय संस्था न्यूरोजेनेसिस भी श्रेष्ठ कार्य एवं दिव्यांग पुनर्वास एक्टिविस्ट सम्मान प्रदान कर चुकी है।
सिर्फ प्रकाश मेहरा नहीं बल्कि ऐसी मुहिमों के लिए उत्तराखंड के ही नहीं बल्कि सभी इंसानो को आगे बढ़ना होगा जिससे दिव्यांगों और महिलाओ को सशक्त किया जा सके |







