उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से अपने राज्यवासियों से क्षमा याचना की है। उनकी यह पोस्ट न केवल भावनात्मक थी, बल्कि इसमें राज्य के विकास और उनकी सरकार के कार्यकाल को लेकर कई महत्वपूर्ण बातें भी सामने आईं। रावत ने अपनी पोस्ट में राज्य के विकास की दिशा में किए गए कार्यों, अपनी राजनीतिक यात्रा, और भाजपा द्वारा फैलाए गए मिथकों पर विस्तार से चर्चा की है।
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रावत ने गैरसैंण में किए गए महत्वपूर्ण विकास कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि, “गैरसैंण को लेकर मैंने खुद भी कुछ सपने देखें और आपको भी दिखाए थे।” उन्होंने बताया कि गैरसैंण में विधानसभा भवन, सचिवालय, और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे का निर्माण किया गया था। इसके साथ ही उन्होंने राज्य के लिए 50 करोड़ रुपये की स्वीकृति और 500 भवनों के निर्माण की योजना पर भी चर्चा की। उनका कहना था कि यदि उन्होंने भाजपा की तरह गैरसैंण को हवाई राजधानी घोषित किया होता, तो शायद भाजपा के ट्रॉलर्स को इन मुद्दों पर चुप रहना पड़ता।
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रावत ने भाजपा द्वारा फैलाए गए “जुम्मे की नवाज” और “मुस्लिम यूनिवर्सिटी” के मिथकों पर भी प्रतिक्रिया दी। उनका कहना था, “अगर भाजपा के पास इन मुद्दों से संबंधित कोई साक्ष्य है, तो वे उसे सार्वजनिक करें।” साथ ही, उन्होंने चुनौती दी कि अगर भाजपा ऐसा साक्ष्य प्रस्तुत करती है, तो वह माफी मांगने और राजनीति छोड़ने के लिए तैयार हैं। अपने कार्यकाल में, रावत ने उत्तराखंड में हुए प्राकृतिक आपदाओं के दौरान की गई राहत कार्यों का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब राज्य आपदाओं से जूझ रहा था, तब उन्होंने कठिन समय में अपनी पूरी कोशिश की थी और राज्यवासियों के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए थे। “उत्तराखंड की लगभग 25 साल की यात्रा में, मैंने मुख्यमंत्री के रूप में करीब तीन साल का कार्यकाल बिताया था, और इस दौरान कई संकटों का सामना किया था,” रावत ने कहा।
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रावत ने यह भी कहा कि वह हमेशा उत्तराखंडवासियों के बीच रहकर उनके लिए काम करते रहेंगे, चाहे वह किसी भी स्थान पर हों। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि उनकी भावनाएं राज्य के प्रति हमेशा वही रहेंगी और वह राज्य के लिए अपनी सेवा जारी रखते रहेंगे। इस भावुक पोस्ट के माध्यम से रावत ने न केवल भाजपा के खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए, बल्कि उत्तराखंड के लिए अपनी निष्ठा और प्रतिबद्धता को भी स्पष्ट किया। उनके समर्थकों और आलोचकों दोनों के लिए यह पोस्ट एक महत्वपूर्ण संदेश छोड़ती है, जो राज्य के राजनीतिक परिदृश्य और विकास की दिशा को प्रभावित कर सकती है।







